उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी महत्वपूर्ण योजना “यूपी शिशु हितलाभ योजना” के तहत श्रमिकों के नवजात बच्चों को पोषक आहार प्रदान करने की पहल की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में भवन और अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को स्वस्थ आहार की व्यवस्था करना है। यह योजना श्रमिक परिवारों की सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
यूपी शिशु हितलाभ योजना
यूपी शिशु हितलाभ योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के नवजात शिशुओं को जन्म से लेकर दो वर्ष की आयु तक पौष्टिक भोजन देना है। इसके तहत एक बच्चे को एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यदि शिशु लड़का है, तो उसे ₹10,000 प्रति वर्ष मिलेंगे, जबकि लड़की होने पर ₹12,000 का सहायता राशि दी जाएगी। यह राशि शिशु के पोषण को बेहतर बनाने में मदद करेगी और उनके विकास को उत्तेजित करेगी। इस योजना से प्रदेश के श्रमिक परिवारों की जीवनशैली में सुधार होगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
यूपी शिशु हितलाभ योजना के लाभ
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह श्रमिक परिवारों के नवजात बच्चों को दो साल तक पोषणयुक्त भोजन प्रदान करती है। योजना के तहत, प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक परिवार को अपने दो बच्चों के लिए यह लाभ मिलेगा। खासतौर पर यदि बच्चा लड़की है, तो सरकार इसे एक अतिरिक्त प्रोत्साहन देने के रूप में ₹12,000 की सहायता राशि प्रदान करेगी। लड़के के लिए यह राशि ₹10,000 होगी। इस योजना से लाभार्थी श्रमिकों के बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास सही दिशा में होगा।
योजना के तहत, लाभार्थी या उनके परिवार के सदस्य को जन्म के एक वर्ष के भीतर निकटतम श्रम विभाग, संबंधित तहसील या विकास खंड कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसके बाद, दूसरे वर्ष के लाभ के लिए, लाभार्थी को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि शिशु जीवित है। यह प्रक्रिया इस योजना को पारदर्शी और सुरक्षित बनाए रखने में मदद करेगी।
यूपी शिशु हितलाभ योजना के लिए पात्रता
यूपी शिशु हितलाभ योजना का लाभ केवल उन श्रमिकों को मिलेगा जो उत्तर प्रदेश में भवन और अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत हैं। इसके अलावा, यह योजना एक परिवार में केवल दो बच्चों तक सीमित है। पंजीकरण के लिए लाभार्थी को निम्नलिखित दस्तावेज़ की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर और ईमेल ID
- पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
यूपी शिशु हितलाभ योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया बहुत ही सरल और पारदर्शी है। आवेदन पत्र सबसे पहले लाभार्थी को संबंधित श्रम कार्यालय, तहसीलदार कार्यालय या विकास खंड कार्यालय से प्राप्त करना होगा। आवेदन पत्र में सभी आवश्यक जानकारी जैसे व्यक्तिगत जानकारी, शिशु का जन्म प्रमाण पत्र, और अन्य दस्तावेज़ जोड़े जाएंगे। इसके बाद, आवेदन पत्र को उसी कार्यालय में जमा किया जाएगा, जहां से यह प्राप्त किया गया था। इसके बाद, लाभार्थी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो योजना के तहत वित्तीय सहायता का दावा करने के लिए उपयोगी होगा।
यूपी शिशु हितलाभ योजना का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
यह योजना उत्तर प्रदेश के श्रमिकों के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता रखती है। श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के अलावा, यह योजना उन्हें अपने बच्चों के लिए बेहतर आहार उपलब्ध कराने में मदद करेगी, जो बच्चों के समग्र विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इससे बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा, और उनके भविष्य में अच्छे अवसरों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।
इसके अलावा, इस योजना से समाज में महिलाओं की स्थिति भी बेहतर होगी, क्योंकि महिलाएं अधिकतर श्रमिक वर्ग की होती हैं और वे अपने बच्चों के पालन-पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे उनका आर्थिक और सामाजिक स्तर दोनों ही ऊंचा उठेगा।