उत्तर प्रदेश के बिजनौर में बन रहे तीन नेशनल हाईवे (National Highways) ने स्थानीय ग्रामीणों की जिंदगी बदल दी है। इन हाईवे प्रोजेक्ट्स के तहत 195 गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई, जिसके बदले किसानों को करोड़ों रुपये मुआवजा दिया गया। इस बदलाव ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया, बल्कि उनकी जीवनशैली को भी बदलकर रख दिया है। सरकार ने इन परियोजनाओं के लिए किसानों को 1325 करोड़ रुपये मुआवजा दिया है, और अब सिर्फ 129 करोड़ रुपये का भुगतान बचा है।
तीन नेशनल हाईवे ने बदल दी जिंदगी
बिजनौर में तीन प्रमुख नेशनल हाईवे पर काम जारी है:
- नेशनल हाईवे 74 (NH-74): हरिद्वार से काशीपुर तक।
- नेशनल हाईवे 709 (NH-709): पानीपत से खटीमा मार्ग, नगीना सेक्शन।
- नेशनल हाईवे 119 (NH-119): मेरठ से नजीबाबाद तक।
इन हाईवे प्रोजेक्ट्स के तहत सरकार ने जमीन अधिग्रहण पर लगभग 1454 करोड़ रुपये खर्च किए, और इनमें मुआवजे के रूप में अधिकांश राशि वितरित की जा चुकी है।
195 गांवों के किसान बने मालामाल
इन तीन नेशनल हाईवे के निर्माण ने 195 गांवों के किसानों की संपत्ति और आय में बड़ा इजाफा किया है। मुआवजे के तौर पर किसानों को दी गई भारी रकम ने उन्हें नई संभावनाओं की ओर बढ़ने का मौका दिया। कई किसानों ने इस धन का उपयोग बड़े घर बनाने, लग्जरी गाड़ियां खरीदने और अपने बच्चों की उच्च शिक्षा में निवेश करने के लिए किया है।
नेशनल हाईवे 74: हरिद्वार से काशीपुर तक
एनएच-74 हरिद्वार और काशीपुर के बीच एक प्रमुख मार्ग है, जिसे लंबे समय से बनाया जा रहा है। यह हाईवे कई बार विवादों में रहा, खासकर मुआवजा घोटालों और निर्माण के दौरान पुल गिरने जैसी घटनाओं के चलते। अब इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
नेशनल हाईवे 709: पानीपत से खटीमा तक
एनएच-709 का नगीना सेक्शन जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। इसे मार्च 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत बिजनौर बाईपास को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा, कोतवाली देहात से बिजनौर तक पुलों का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। 15 दिसंबर तक सभी पुलों पर सड़कें बिछाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
नेशनल हाईवे 119: मेरठ से नजीबाबाद तक
एनएच-119 पर मेरठ से नजीबाबाद तक फोरलेन हाईवे बनाया जा रहा है। इसमें गंगा नदी पर एक किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण शामिल है। यह परियोजना क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और यात्रा समय को कम करेगी।
सरकार की बड़ी योजना और निवेश
इन तीनों नेशनल हाईवे के निर्माण में सरकार का कुल निवेश लगभग 1454 करोड़ रुपये है। इनमें:
- एनएच-74: 710 करोड़ रुपये।
- एनएच-709: 20 करोड़ रुपये।
- एनएच-119: 724 करोड़ रुपये।
सरकार का उद्देश्य न केवल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है, बल्कि इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी गति देना है।
1. बिजनौर में कौन-कौन से नेशनल हाईवे बन रहे हैं?
बिजनौर में एनएच-74 (हरिद्वार-काशीपुर), एनएच-709 (पानीपत-खटीमा, नगीना सेक्शन), और एनएच-119 (मेरठ-नजीबाबाद) का निर्माण हो रहा है।
2. इन हाईवे के निर्माण से किसानों को कितना मुआवजा मिला है?
सरकार ने 195 गांवों के किसानों को लगभग 1325 करोड़ रुपये मुआवजा दिया है।
3. इन प्रोजेक्ट्स का क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा है?
हाईवे निर्माण ने क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। किसानों की आय बढ़ी है और जीवनशैली बेहतर हुई है।
4. एनएच-74 कब तक पूरा हो सकता है?
एनएच-74 का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन इसकी कोई सटीक समय सीमा नहीं दी गई है।
5. एनएच-709 के तहत बिजनौर बाईपास का क्या महत्व है?
बिजनौर बाईपास एनएच-709 को मेरठ-पौड़ी मार्ग से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है, जो यातायात को सरल बनाएगा।
6. एनएच-119 पर गंगा नदी पर पुल का निर्माण कब पूरा होगा?
गंगा नदी पर एक किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है, लेकिन इसकी समय सीमा पर सटीक जानकारी नहीं है।
7. क्या हाईवे निर्माण से कोई विवाद हुआ है?
एनएच-74 पर मुआवजा घोटाले और पुल निर्माण के दौरान हादसों के कारण विवाद सामने आए हैं।
8. इन प्रोजेक्ट्स से स्थानीय अर्थव्यवस्था को क्या लाभ मिलेगा?
हाईवे प्रोजेक्ट्स से रोजगार के अवसर बढ़े हैं, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग आसान हुई है, और क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना है।