मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के लोगों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने बिजली बिल को लेकर एक अहम कदम उठाया है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को फायदा होगा। राज्य में बिजली बिलों को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना तैयार की है। इसके तहत 300 यूनिट से अधिक खपत वाले स्लैब को समाप्त कर दिया जाएगा और इसे 151 से 300 यूनिट के स्लैब में समाहित कर दिया जाएगा। इस निर्णय से बिजली बिल में लगभग 19 पैसे प्रति यूनिट की कमी आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को हर माह ₹70 तक की बचत होगी।
बिजली बिल में कमी की योजना का विस्तार
मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा राज्य विद्युत नियामक आयोग को इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी गई है। प्रस्ताव के अनुसार, वर्तमान में 300 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए अलग से एक स्लैब निर्धारित किया गया था, जिसमें प्रति यूनिट शुल्क ₹6.80 था। अब इस स्लैब को समाप्त कर दिया जाएगा और 151 से 300 यूनिट वाले स्लैब में समाहित कर लिया जाएगा, जहां प्रति यूनिट शुल्क ₹6.61 है। इस बदलाव से 300 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 19 पैसे कम चुकाने होंगे।
कैसे होगा उपभोक्ताओं को फायदा?
यह बदलाव बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से 300 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करते हैं। पावर मैनेजमेंट कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर, शैलेंद्र सक्सेना ने इस फैसले को उपभोक्ताओं के लिए फायदे का सौदा बताया। उनका कहना है कि इससे उपभोक्ताओं के बिजली बिल में ₹70 तक की कमी हो सकती है।
राज्य में बिजली बिल की संरचना इस प्रकार है:
- 0 से 15 यूनिट तक की खपत पर ₹4.27 प्रति यूनिट
- 51 से 150 यूनिट तक की खपत पर ₹5.32 प्रति यूनिट
- 151 से 300 यूनिट तक की खपत पर ₹6.61 प्रति यूनिट
- 300 यूनिट से अधिक खपत पर ₹6.80 प्रति यूनिट
अब, 300 यूनिट से ज्यादा खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 151 से 300 यूनिट वाले स्लैब के तहत भुगतान करना होगा, जिससे उन्हें 19 पैसे प्रति यूनिट की कमी का फायदा होगा।
पिछले बदलावों से मिली राहत
यह पहला मौका नहीं है जब मध्य प्रदेश सरकार ने बिजली बिलों को कम करने के लिए कदम उठाया है। इससे पहले भी बिजली कंपनी ने 500 यूनिट से ज्यादा खपत करने वाले स्लैब को खत्म कर दिया था, जिससे उन उपभोक्ताओं को भी राहत मिली थी। अब 300 यूनिट से ज्यादा खपत करने वाले स्लैब को खत्म करना, राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक और बड़ा कदम होगा।
इसके अलावा, राज्य में बिजली की उपलब्धता में सुधार और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में प्रगति भी राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। सरकार की कोशिश है कि विद्युत वितरण व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाए, जिससे हर उपभोक्ता को समय पर और उचित दर पर बिजली मिल सके।
बिजली बिल में राहत से आम उपभोक्ता होंगे खुश
इस कदम से राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिलेगी। खासकर वे उपभोक्ता, जिनकी मासिक खपत 300 यूनिट से ज्यादा होती है, उन्हें इस फैसले से सबसे अधिक लाभ होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार की यह पहल बिजली वितरण प्रणाली में सुधार के लिए और भी कदम उठाने के संकेत देती है। यह बदलाव, न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि मध्य प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में सुधार के प्रयासों को भी बल देगा।
संभावित प्रभाव और उम्मीदें
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद, बिजली बिल में कमी आने से उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो सकता है। यह निर्णय राज्य के नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत का संदेश है और यह आशा की जा रही है कि इस बदलाव से बिजली के अधिक खपत करने वाले लोगों की जीवनशैली पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इसके साथ ही, राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और पावर मैनेजमेंट पर दी जा रही विशेष ध्यान से राज्य में बिजली उत्पादन और वितरण के भविष्य में और सुधार की उम्मीदें जताई जा रही हैं।