नई दिल्ली। किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच होने वाले विवादों और असमंजस को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किराया कानूनों मॉडल टेनेन्सी एक्ट को मंजूरी दे दी है।
इस नये कानून का उद्देश्य मकान मालिकों और किरायेदारों के हितों की रक्षा करना और किराये के मकानों को लेकर व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना है। इस कदम से देश में किराये के मकानों की उपलब्धता बढ़ेगी और मकान मालिकों एवं किरायेदारों के बीच विश्वास का माहौल तैयार होगा।
सरकार ने दी नये किराया कानूनों को मंजूरी
नया किराया कानून किराये के मकानों से जुड़ी व्यवस्थाओं को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाएगा। मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करते हुए, यह कानून संभावित विवादों को कम करने में मदद करेगा।
- कानूनी सुरक्षा:
इस कानून के तहत मकान मालिक और किरायेदार दोनों को उनके अधिकारों की कानूनी सुरक्षा मिलेगी। मकान मालिकों को यह आश्वासन होगा कि किरायेदार समय पर मकान खाली करेंगे, जबकि किरायेदारों को मनमाने किराये से बचाया जाएगा। - सिक्योरिटी डिपॉजिट की सीमा:
सिक्योरिटी डिपॉजिट पर सीमा लगाई जाएगी, जिससे किरायेदारों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। - किराया वृद्धि पर नियम:
किराये में बढ़ोतरी के नियम स्पष्ट होंगे। मकान मालिक अपनी मनमर्जी से किराये में वृद्धि नहीं कर सकेंगे। - घर खाली करने के प्रावधान:
किरायेदार और मकान मालिक दोनों के बीच मकान खाली करने की प्रक्रिया को एग्रीमेंट के तहत सुनिश्चित किया जाएगा। किरायेदार समय पर घर खाली नहीं करते हैं, तो मकान मालिक को दोगुना किराया वसूलने का अधिकार मिलेगा। - पारदर्शी सिस्टम:
मकान को किराये पर चढ़ाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कानून में कई प्रावधान किए गए हैं।
किराये के मकानों की बढ़ेगी उपलब्धता
सरकार का मानना है कि इस कानून से देशभर में मकान किराये पर देने के मामलों में सुधार होगा। मकान मालिकों का भरोसा बढ़ने से वे अपने मकानों को किराये पर चढ़ाने में ज्यादा इच्छुक होंगे। इससे किराये के मकानों की आपूर्ति बढ़ेगी और किराये के मकानों की कीमतों में कमी आएगी।
इसके अलावा, सरकार चाहती है कि रेंटल हाउसिंग को एक संगठित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए। इस पहल से खाली पड़े मकानों का इस्तेमाल होगा और सभी आय वर्ग के लोगों को बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे।
मकान मालिकों की मनमानी पर रोक
नये कानून के तहत मकान मालिक बिना अनुमति के किरायेदार की संपत्ति में दखल नहीं दे सकेंगे। घर का निरीक्षण या अन्य काम के लिए मकान मालिक को किरायेदार से कम से कम 24 घंटे पहले अनुमति लेनी होगी।
यह कानून केंद्र सरकार द्वारा एक मॉडल के रूप में तैयार किया गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मॉडल के आधार पर अपने कानून बनाने या मौजूदा कानूनों में संशोधन करना होगा।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का लक्ष्य मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच पारदर्शी और भरोसेमंद व्यवस्था तैयार करना है। मॉडल टेनेन्सी एक्ट के तहत बनाए गए नियमों से किराये के मकानों के क्षेत्र को संगठित कारोबार के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पहल हाउसिंग फॉर ऑल मिशन को भी मजबूती देगी।
1. मॉडल टेनेन्सी एक्ट क्या है?
यह एक नया कानून है जो मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच के संबंधों को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए तैयार किया गया है।
2. इस कानून का मकसद क्या है?
किरायेदारों और मकान मालिकों के हितों की रक्षा करना और किराये के मकानों की उपलब्धता बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य है।
3. क्या मकान मालिक किराये में मनमानी बढ़ोतरी कर सकते हैं?
नहीं, इस कानून के तहत किराये में बढ़ोतरी के लिए स्पष्ट नियम बनाए गए हैं।
4. सिक्योरिटी डिपॉजिट पर क्या प्रावधान हैं?
सिक्योरिटी डिपॉजिट की सीमा तय की जाएगी, जिससे किरायेदारों पर वित्तीय दबाव न पड़े।
5. मकान मालिक बिना अनुमति के घर में आ सकते हैं?
नहीं, मकान मालिक को घर में आने के लिए 24 घंटे पहले किरायेदार से अनुमति लेनी होगी।
6. यह कानून देशभर में कब लागू होगा?
यह कानून केंद्रीय स्तर पर तैयार किया गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे लागू करने के लिए कानून बनाने होंगे।
7. किरायेदार समय पर घर खाली नहीं करे तो क्या होगा?
ऐसे मामलों में मकान मालिक को हर महीने का दोगुना किराया वसूलने का अधिकार होगा।
8. क्या यह कानून किराया बाजार को बढ़ावा देगा?
हां, इससे मकान मालिकों का भरोसा बढ़ेगा और किराये के मकानों की उपलब्धता में सुधार होगा।