RBI Monetary Policy की तीन दिवसीय बैठक 4 दिसंबर 2024 से शुरू हो चुकी है, और इसके नतीजे 6 दिसंबर को घोषित होंगे। हर बार की तरह इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव हो सकता है। रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है, क्योंकि इससे लोन की ब्याज दर प्रभावित होती है। रेपो रेट घटने पर लोन सस्ते हो जाते हैं, वहीं बढ़ने पर लोन महंगे।
लेकिन, रेपो रेट के बदलाव के इंतजार के बजाय अगर आप अपने भारी-भरकम Home Loan EMI का बोझ कम करना चाहते हैं, तो ये 5 उपाय आपकी मदद कर सकते हैं।
लोन रीफाइनेंसिंग से पुरानी दरों को कहें अलविदा
अगर आपका होम लोन ज्यादा ब्याज दर पर लिया गया है और हर महीने आपको भारी EMI देनी पड़ रही है, तो लोन रीफाइनेंसिंग (Loan Refinancing) का विकल्प अपनाएं। इसमें आप कम ब्याज दर पर नया लोन लेते हैं और पुराने लोन को बंद कर देते हैं। इससे आपकी EMI तुरंत कम हो जाती है।
प्री-पेमेंट से करें
जब भी आपके पास कोई बोनस, बचत या अतिरिक्त आय हो, तो उसे लोन प्री-पेमेंट (Loan Pre-Payment) के लिए इस्तेमाल करें। प्री-पेमेंट करने से लोन का प्रिंसिपल अमाउंट घटता है और EMI भी कम हो जाती है।
लोन की अवधि बढ़ाने पर करें विचार
अगर आपकी EMI आपकी आय के अनुपात में ज्यादा है और आपके घर का बजट प्रभावित हो रहा है, तो लोन की अवधि (Loan Tenure) को बढ़ाने पर विचार करें। हालांकि, इससे ब्याज की कुल राशि बढ़ जाती है, लेकिन EMI कम हो जाती है, जिससे मासिक बजट संतुलित रहता है।
बैंक से करें सीधे बात
अगर आप लंबे समय से अपने लोन का नियमित भुगतान कर रहे हैं, तो अपने बैंक से संपर्क करें। बैंक से अनुरोध करें कि आपकी ब्याज दर (Interest Rate) को कम किया जाए। भरोसेमंद ग्राहकों के लिए बैंक अक्सर विशेष दरों का ऑफर देते हैं।
सब्सिडी और सरकारी योजनाओं का उठाएं लाभ
अगर आप पहली बार घर खरीद रहे हैं, तो प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। इन योजनाओं के तहत आपको ब्याज दर पर सब्सिडी मिलती है। इसके अलावा, लोन लेते समय अधिक डाउन पेमेंट करने से भी EMI पर बोझ कम हो सकता है।
Home Loan EMI पर विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि होम लोन लेते समय अपनी आय और खर्चों का सही तरीके से आकलन करना जरूरी है। इसके अलावा, लोन चुकाने की अवधि और ब्याज दरों पर ध्यान देकर सही निर्णय लेना आपकी EMI को कम करने में सहायक हो सकता है।
Q1: क्या लोन रीफाइनेंसिंग से हर बार Home Loan EMI कम होती है?
हां, अगर नया लोन कम ब्याज दर पर लिया गया हो, तो EMI कम हो जाती है।
Q2: लोन की अवधि बढ़ाने से क्या नुकसान हो सकता है?
अवधि बढ़ाने से Home Loan EMI कम हो जाती है, लेकिन आपको ब्याज अधिक देना पड़ सकता है।
Q3: प्री-पेमेंट का सबसे सही समय क्या है?
जब आपके पास अतिरिक्त धनराशि हो, जैसे बोनस या बचत, तो प्री-पेमेंट करना सही रहता है।
Q4: क्या सभी बैंक ब्याज दर कम करने के लिए तैयार होते हैं?
नहीं, लेकिन अगर आप पुराने और भरोसेमंद ग्राहक हैं, तो बैंक आपको रियायत दे सकते हैं।
Q5: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का लाभ कौन उठा सकता है?
पहली बार घर खरीदने वाले और योजना की पात्रता शर्तें पूरी करने वाले व्यक्ति इसका लाभ ले सकते हैं।
Q6: क्या डाउन पेमेंट ज्यादा करने से Home Loan EMI कम हो सकती है?
हां, ज्यादा डाउन पेमेंट करने से लोन अमाउंट कम हो जाता है, जिससे EMI भी कम होती है।
Q7: रेपो रेट में बदलाव से EMI पर क्या असर पड़ता है?
रेपो रेट घटने पर लोन सस्ते हो जाते हैं और EMI कम हो जाती है। वहीं, रेट बढ़ने पर EMI बढ़ जाती है।
Q8: क्या सभी प्रकार के लोन पर प्री-पेमेंट चार्ज लगता है?
नहीं, ज्यादातर फ्लोटिंग रेट लोन पर प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लगता है। लेकिन, फिक्स्ड रेट लोन पर चार्ज हो सकता है।