EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के सब्सक्राइबर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। भारत सरकार ने घोषणा की है कि अगले साल से पीएफ (Provident Fund) खाताधारक अब अपनी जमा रकम को सीधे एटीएम से निकाल सकेंगे। यह महत्वपूर्ण घोषणा 11 दिसंबर को लेबर सेक्रेटरी सुमिता डावरा द्वारा की गई। उनके अनुसार, यह बदलाव पीएफ खाताधारकों के लिए एक अहम कदम होगा, जिससे प्रक्रिया अधिक सरल और त्वरित हो सकेगी।
इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य पीएफ क्लेम की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाना है, ताकि लाभार्थी बिना किसी झंझट के अपनी PF रकम का लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, मानवीय हस्तक्षेप को भी कम किया जाएगा, जिससे समग्र अनुभव में सुधार होगा। लेबर सेक्रेटरी ने कहा, “हम चाहते हैं कि पीएफ खाताधारक अपना क्लेम सीधे एटीएम से प्राप्त कर सकें, इससे उनकी सुविधा में वृद्धि होगी और प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होगी।”
EPFO सिस्टम में हो रहे बदलाव
लेबर सेक्रेटरी ने यह भी बताया कि सरकार लगातार EPFO के IT सिस्टम्स को अपग्रेड कर रही है, ताकि सेवाओं को और बेहतर किया जा सके। उन्होंने कहा, “हमारे सिस्टम्स में सुधार की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है और हर 2 से 3 महीने में आपको महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेंगे। मुझे विश्वास है कि जनवरी 2025 तक EPFO का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से नया रूप ले लेगा, जब हमें EPFO IT 2.1 वर्जन मिलेगा।”
उनके अनुसार, सरकार का लक्ष्य EPFO के IT सिस्टम को बैंकिंग क्षेत्र के स्तर तक लाना है। EPFO में वर्तमान में लगभग 7 करोड़ सक्रिय सदस्य हैं, और सरकार इन सदस्यों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
गीग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ
सुमिता डावरा ने गीग वर्कर्स (gig workers) के लिए भी एक अहम घोषणा की। उनका कहना था कि गीग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए सरकार सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है। इस मामले में प्रगति एडवांस स्टेज में है, और एक विस्तृत योजना तैयार की जा चुकी है, जिसे अब अंतिम रूप दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना में वर्कर्स को मेडिकल हेल्थ कवरेज, पीएफ और विकलांगता के मामले में वित्तीय सहायता जैसे लाभ मिल सकते हैं। इसके साथ ही, गीग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी लाभ प्रदान करने के लिए सरकार एक फ्रेमवर्क तैयार कर रही है। गीग वर्कर्स को पहली बार 2020 में सामाजिक सुरक्षा संहिता में परिभाषित किया गया था।
बेरोजगारी दर में आई कमी
लेबर सेक्रेटरी ने बेरोजगारी दर को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। 2017 में जहां बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत थी, वहीं अब यह घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा, सरकार की नीतियों के कारण कार्यबल (workforce) की भागीदारी दर में भी वृद्धि हुई है। वर्क फोर्स पार्टिसिपेशन रेशियो (WPR) में वृद्धि इस बात का संकेत है कि अधिक लोग अब कार्यरत हो रहे हैं।
यह आंकड़े देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत हैं और दर्शाते हैं कि रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। लेबर सेक्रेटरी ने बताया कि सरकार की योजनाओं के परिणामस्वरूप देश की श्रमिक शक्ति में एक स्थिर और सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
अगले साल से बदलाव की उम्मीद
लेबर सेक्रेटरी के अनुसार, आने वाले समय में EPFO की सेवाओं में और भी सुधार होंगे। 2025 में EPFO के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार के साथ, पीएफ खाताधारकों को और भी बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। इसके अलावा, गीग वर्कर्स को मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा लाभ भी देशभर में एक नया बदलाव लेकर आएंगे।
सरकार की योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं और इससे न केवल EPFO खाताधारकों को बल्कि गीग वर्कर्स को भी एक नई सुरक्षा मिलेगी। यह समय की जरूरत है कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले, जो उन्हें आने वाले समय में बेहतर स्थिति में रख सके।
इस समय के बदलावों को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल से EPFO सब्सक्राइबर्स को कई नए सुविधाजनक विकल्प मिलेंगे, जिनसे उनकी जीवनशैली और कार्यक्षमता में सुधार होगा।