देश में तेजी से बढ़ती प्रॉपर्टी की मांग और रियल एस्टेट सेक्टर में आई बूम के चलते लोग शहरों में बड़े पैमाने पर फ्लैट खरीद रहे हैं। खासतौर पर बड़े शहरों में लोग अपनी जीवनभर की कमाई से घर खरीदने की कोशिश में लगे हुए हैं। कोविड के बाद, लोगों में बड़े और सुविधाजनक घरों की मांग बढ़ी है।
हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के बीच, फ्लैट खरीदने वालों के मन में एक बड़ा सवाल यह रहता है कि 99 साल की लीज (Leasehold property rules) खत्म होने पर उनका घर या फ्लैट का क्या होगा। आइए इस सवाल का जवाब और इससे जुड़े नियम विस्तार से समझते हैं।
लीजहोल्ड और फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी: क्या है अंतर?
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रॉपर्टी दो प्रकार की होती है – लीजहोल्ड (Leasehold Property) और फ्रीहोल्ड (Freehold Property)। फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी ऐसी होती है, जिसमें खरीदार को जमीन और घर पर स्थायी मालिकाना हक मिलता है। इसका मतलब यह है कि खरीदार अपने घर को अपनी मर्जी के मुताबिक बेच सकता है, किराए पर दे सकता है या उसमें कोई बदलाव कर सकता है। पुश्तैनी जमीन भी इसी श्रेणी में आती है।
दूसरी ओर, लीजहोल्ड प्रॉपर्टी में खरीदार को एक तय समय तक जमीन या फ्लैट का मालिकाना हक दिया जाता है। आमतौर पर भारत में यह लीज़ अवधि 99 साल की होती है। लीज खत्म होने के बाद जमीन का हक मूल मालिक के पास वापस चला जाता है।
99 साल की लीज खत्म होने पर क्या होता है?
99 साल की लीज अवधि (99-year lease period) समाप्त होने पर जमीन का मालिकाना हक बिल्डर या जमीन के मूल मालिक को लौट जाता है। अगर इस दौरान इमारत ढह जाए, तो जमीन के टुकड़े को सर्कल रेट के आधार पर फ्लैट मालिकों के बीच बांट दिया जाता है।
यह भी समझना जरूरी है कि लीज अवधि के दौरान खरीदार को प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार नहीं होता। हालांकि, वह लीज के बचे हुए समय को ट्रांसफर कर सकता है, जिसके लिए संबंधित अथॉरिटी से अनुमति लेनी होती है।
लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को फ्रीहोल्ड में बदलने के नियम
अगर आप लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को फ्रीहोल्ड में बदलना चाहते हैं, तो इसके लिए दो प्रमुख विकल्प होते हैं:
- बिल्डर का विकल्प: कई बार बिल्डर प्रॉपर्टी को फ्रीहोल्ड में बदलने का विकल्प देता है, लेकिन यह तभी संभव है जब बिल्डर के पास प्रॉपर्टी का मूल मालिकाना हक हो।
- सरकारी विकल्प: कई राज्यों में सरकारें फ्लैट मालिकों को लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को फ्रीहोल्ड में बदलने का विकल्प देती हैं। इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित होती है और इसमें शुल्क देना होता है।
लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को बेचना: क्या है नियम?
99 साल की लीज पर खरीदी गई प्रॉपर्टी को आप पूरी तरह बेच नहीं सकते। लेकिन, आप लीज के बचे हुए समय को ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए आपको प्रॉपर्टी के मालिक और संबंधित अथॉरिटी से अनुमति लेनी होगी। वहीं, फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी (Freehold Property) को आप पूरी तरह बेच सकते हैं।
क्या लीजहोल्ड प्रॉपर्टी खरीदना सही है?
लीजहोल्ड प्रॉपर्टी खरीदने का निर्णय लेने से पहले आपको अपने मकसद को स्पष्ट करना चाहिए। अगर आप लंबे समय तक उस प्रॉपर्टी में रहना चाहते हैं, तो फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर आपके बजट में कमी है और आप कुछ सालों के लिए फ्लैट लेना चाहते हैं, तो लीजहोल्ड प्रॉपर्टी एक विकल्प हो सकता है।
1. क्या लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को हमेशा के लिए फ्रीहोल्ड में बदला जा सकता है?
हां, आप सरकारी प्रक्रिया या बिल्डर के विकल्प के जरिए लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को फ्रीहोल्ड में बदल सकते हैं।
2. 99 साल की लीज खत्म होने पर क्या होता है?
लीज खत्म होने पर जमीन का मालिकाना हक मूल मालिक के पास लौट जाता है।
3. क्या लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को बेचा जा सकता है?
लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को पूरी तरह बेचा नहीं जा सकता, लेकिन लीज अवधि को ट्रांसफर किया जा सकता है।
4. लीजहोल्ड प्रॉपर्टी खरीदने के क्या फायदे हैं?
यह आमतौर पर फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी की तुलना में सस्ती होती है, इसलिए कम बजट वाले खरीदारों के लिए एक विकल्प हो सकती है।
5. फ्रीहोल्ड और लीजहोल्ड में क्या अंतर है?
फ्रीहोल्ड में स्थायी मालिकाना हक होता है, जबकि लीजहोल्ड में तय समय तक का हक मिलता है।
6. क्या लीज खत्म होने से पहले प्रॉपर्टी में कोई बदलाव किया जा सकता है?
लीजहोल्ड प्रॉपर्टी में बदलाव के लिए संबंधित अथॉरिटी की अनुमति आवश्यक होती है।
7. क्या लीजहोल्ड प्रॉपर्टी पर होम लोन मिलता है?
हां, बैंक लीजहोल्ड प्रॉपर्टी पर भी होम लोन देते हैं, लेकिन इसमें लीज की शर्तें देखी जाती हैं।
8. क्या लीजहोल्ड प्रॉपर्टी निवेश के लिए सही है?
निवेश के लिए लीजहोल्ड प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसकी अवधि और शर्तों का आकलन करना जरूरी है।