Petrol-Diesel Price: अमेरिका चुनाव को लगभग एक माह बीत चुका है, और इसके परिणाम भारत के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं। डोनाल्ड ट्रंप की संभावित सत्ता वापसी से भारत को खासा लाभ हो सकता है, विशेष रूप से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी संकेत दिया है कि ट्रंप की वापसी से कच्चे तेल की वैश्विक आपूर्ति में वृद्धि होगी, जिससे ईंधन की कीमतें नीचे आने की पूरी संभावना है।
ट्रंप की जीत और ग्लोबल मार्केट पर असर
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ने की पूरी संभावना है। अमेरिका वर्तमान में 13 लाख बैरल प्रतिदिन (MBD) कच्चे तेल का उत्पादन करता है, और ट्रंप की जीत के बाद यह उत्पादन 10 लाख बैरल प्रतिदिन और बढ़ने की संभावना है।
भारत में आ सकती है पेट्रोल-डीजल के दम में कमी
भारत, जो अपनी पेट्रोल-डीजल की जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर कच्चे तेल के आयात पर निर्भर है, इस वृद्धि का सीधा लाभ उठा सकता है। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें घटने से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 15 रुपए प्रति लीटर तक गिरने की उम्मीद है।
कीमतें कहां तक जा सकती हैं?
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकती हैं, जो वर्तमान समय की तुलना में काफी कम है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा, और आम जनता को राहत मिलेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और ऑयल प्रोड्यूसिंग देशों की उत्पादन कटौती जैसी वैश्विक घटनाएं कच्चे तेल की कीमतों पर कुछ हद तक प्रभाव डाल सकती हैं।
क्या कहती हैं मीडिया रिपोर्ट्स?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में कच्चे तेल की अतिरिक्त आपूर्ति के चलते कीमतों पर दबाव कम होगा। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर देखने को मिलेगा, क्योंकि भारत उन देशों में शामिल है, जो कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों के प्रति संवेदनशील हैं।
1. ट्रंप की जीत से भारत को कैसे लाभ होगा?
ट्रंप की वापसी से अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे वैश्विक आपूर्ति में इजाफा होगा। इससे कच्चे तेल की कीमतें गिरने की संभावना है, जिसका लाभ भारत को मिलेगा।
2. पेट्रोल-डीजल की कीमतें कब तक कम हो सकती हैं?
हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकती हैं। इसके आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी जल्द कम हो सकती हैं।
3. क्या रूस-यूक्रेन युद्ध का इस पर प्रभाव पड़ेगा?
रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-ईरान तनाव जैसे वैश्विक घटनाक्रम कच्चे तेल की कीमतों पर मामूली असर डाल सकते हैं।
4. भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कितनी घट सकती हैं?
जानकारों का मानना है कि कीमतों में 10-15 रुपए प्रति लीटर तक की गिरावट संभव है।
डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता वापसी से भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें कम होने से भारतीय बाजार में महंगाई पर लगाम लगेगी और आम जनता को राहत मिलेगी। हालांकि, वैश्विक घटनाक्रमों का इस पर कुछ हद तक असर हो सकता है।