सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने आयकर नियमों (Income Tax Rules, 1962) में संशोधन करते हुए नकद लेनदेन की सीमा को घटाकर 10,000 रुपए कर दिया है। पहले यह सीमा 20,000 रुपए थी, लेकिन नए नियमों के तहत अब एक दिन में किसी व्यक्ति को 10,000 रुपए से अधिक नकद भुगतान करना गैरकानूनी होगा। यह प्रावधान Income Tax के Rule 6DD के तहत लागू किया गया है। इसके अनुसार, 10,000 रुपए से अधिक का भुगतान केवल अकाउंट पेयी चेक, अकाउंट पेयी ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही किया जा सकता है।
इनकम टैक्स को लेकर कैश की नई लिमिट
सरकार ने नकद लेनदेन की सीमा में यह बदलाव काले धन (Black Money) पर लगाम लगाने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया है। अब कैश के बजाय क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई (UPI) जैसे आधुनिक भुगतान विकल्पों का इस्तेमाल करना होगा।
CBDT के अनुसार, यह नियम आयकर (तीसरा संशोधन) नियम, 2020 के तहत लागू किया गया है। इससे उन लोगों पर नजर रखी जा सकेगी, जो बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन कर रहे थे।
डिजिटल भुगतान विकल्पों का बढ़ता उपयोग
सरकार का मानना है कि डिजिटल भुगतान (Digital Payment) की सुविधाओं के बढ़ते उपयोग ने कैश ट्रांजेक्शन को पहले ही कम कर दिया है। इस नियम के लागू होने से यह प्रक्रिया और तेज होगी। आज के समय में लोग बड़ी संख्या में UPI, BHIM, RTGS, NEFT, IMPS जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो न केवल सुरक्षित हैं बल्कि तेज भी हैं।
बैंकों के आधुनिकीकरण और ऑनलाइन लेनदेन के लिए बेहतर तकनीक उपलब्ध होने के कारण यह बदलाव संभव हुआ है। सरकार का उद्देश्य है कि नकदी पर निर्भरता घटे और भुगतान पारदर्शिता (Transparency) में सुधार हो।
क्यों घटाई गई नकद लेनदेन की सीमा?
सरकार ने नकद भुगतान की सीमा को 20,000 रुपए से घटाकर 10,000 रुपए करने का फैसला इसलिए किया है ताकि बड़े नकद लेनदेन से होने वाले काले धन के संचय को रोका जा सके। डिजिटल भुगतान की सुविधा ने नकदी के उपयोग को कम किया है और सरकार इस प्रवृत्ति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नकद लेनदेन के नए नियम
- 10,000 रुपए से अधिक नकद भुगतान करना गैरकानूनी होगा।
- बड़े लेनदेन के लिए केवल अकाउंट पेयी चेक, ड्राफ्ट या डिजिटल माध्यम का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
- यह नियम पूरे भारत में Income Tax Rule 6DD के तहत लागू होगा।
- यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
सरकार का मानना है कि नकद लेनदेन की सीमा घटाने से काले धन के लेन-देन पर नियंत्रण किया जा सकेगा। आधुनिक डिजिटल भुगतान प्रणाली न केवल पारदर्शी है, बल्कि इसका रिकॉर्ड रखना भी आसान है।
भुगतान के लिए डिजिटल विकल्प
ज्यादा नकद भुगतान करने की बजाय आप इन माध्यमों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
- क्रेडिट कार्ड (Credit Card)
- डेबिट कार्ड (Debit Card)
- नेट बैंकिंग (Net Banking)
- IMPS (Immediate Payment Service)
- UPI (Unified Payment Interface)
- RTGS (Real Time Gross Settlement)
- NEFT (National Electronic Funds Transfer)
- BHIM ऐप (Bharat Interface for Money)
नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई
यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है और 10,000 रुपए से अधिक नकद भुगतान करता है, तो इसे गैरकानूनी माना जाएगा। आयकर विभाग इस पर सख्त कार्रवाई कर सकता है।
डिजिटल भुगतान का बढ़ावा देना न केवल नकद लेनदेन को कम करता है, बल्कि यह आर्थिक गतिविधियों में पारदर्शिता भी लाता है। यह काले धन और टैक्स चोरी (Tax Evasion) पर लगाम लगाने में मदद करता है।
1. नकद लेनदेन की सीमा कितनी है?
अब नकद लेनदेन की सीमा 10,000 रुपए प्रतिदिन है।
2. 10,000 रुपए से अधिक का भुगतान कैसे करें?
आप अकाउंट पेयी चेक, अकाउंट पेयी ड्राफ्ट या डिजिटल माध्यम जैसे UPI, NEFT, RTGS का उपयोग कर सकते हैं।
3. क्या होगा यदि मैं नियम का उल्लंघन करता हूं?
नियम तोड़ने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है।
4. डिजिटल भुगतान के क्या फायदे हैं?
डिजिटल भुगतान तेज, सुरक्षित और पारदर्शी होता है। इसका रिकॉर्ड आसानी से रखा जा सकता है।
5. यह नियम कब से लागू है?
यह नियम 2020 में आयकर (तीसरा संशोधन) नियम, 2020 के तहत लागू किया गया है।
6. क्या इस नियम से सभी को फायदा होगा?
हां, नकदी पर निर्भरता घटने और डिजिटल भुगतान के बढ़ने से सभी को लाभ होगा।
7. क्या यह नियम व्यापारियों पर भी लागू होगा?
हां, व्यापारियों को भी 10,000 रुपए से अधिक नकद लेनदेन के लिए डिजिटल विकल्प अपनाने होंगे।
8. क्या छोटे लेन-देन पर भी यह नियम लागू है?
नहीं, 10,000 रुपए तक के नकद लेनदेन की अनुमति है।