मोदी सरकार देश के हर वर्ग के लोगों को बेहतर जीवन देने के लिए लगातार नई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य समाज के हर हिस्से को लाभ पहुंचाना है, चाहे वह महिलाएं, युवा, बुजुर्ग, किसान या बेरोजगार लोग हों। सरकार समय-समय पर इन योजनाओं में सुधार और बदलाव करती रहती है ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें। हाल ही में, सरकार ने “मुफ्त अनाज योजना” (PMGKAY) में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसका असर सीधे तौर पर देश के गरीबों पर पड़ेगा। इस बदलाव के माध्यम से सरकार ने 35 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का आवंटन किया है, जिससे गरीबों को और अधिक राहत मिलेगी।
35 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का आवंटन
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत केंद्र सरकार ने 35 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का आवंटन किया है। यह निर्णय मार्च 2025 तक लागू रहेगा, जिससे गरीबों को पहले से ज्यादा गेहूं मिलेगा। इस कदम को सरकार ने इसलिए उठाया है ताकि गरीबों को पर्याप्त अनाज मिल सके और बाजार में गेहूं की कीमतों में किसी तरह की बढ़ोतरी न हो। सरकार का यह कदम न केवल खाद्यान्न सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि खाद्यान्न बाजार में स्थिरता बनाए रखने में भी सहायक होगा।
देश के 80 करोड़ लोगों को इससे सीधा लाभ होगा, क्योंकि योजना के अंतर्गत उन लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। सरकार का यह कदम देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। खाद्यान्न की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए यह एक सटीक निर्णय साबित होगा, जिससे आम नागरिकों को महंगाई से राहत मिलेगी।
खाद्य सुरक्षा में वृद्धि
फूड सेक्रेटरी, संजीव चोपड़ा के अनुसार, इस बढ़े हुए गेहूं के आवंटन से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के लाभार्थियों को गेहूं का आवंटन अक्टूबर से बढ़ाया जाएगा। इस फैसले से न केवल खाद्य सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि यह खाद्यान्न बाजार में स्थिरता लाने में भी मदद करेगा। खाद्य सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना सरकार के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है, और यह कदम उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आम नागरिकों के लिए यह राहतकारी खबर है क्योंकि अब उन्हें गेहूं के लिए बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से समय पर अनाज मिल सकेगा। साथ ही, गेहूं की अतिरिक्त उपलब्धता से गरीबों के घरों में राशन की कोई कमी नहीं होगी, और वे समय पर अपनी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे।
घरेलू गेहूं के उत्पादन में वृद्धि
पिछले साल घरेलू गेहूं के उत्पादन में कमी आने के कारण सरकार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं का आवंटन घटाना पड़ा था और चावल का आवंटन बढ़ाना पड़ा था। हालांकि, इस वर्ष गेहूं के उत्पादन में वृद्धि हुई है, जिससे सरकार ने यह निर्णय लिया कि अधिक गेहूं का आवंटन किया जाए। संजीव चोपड़ा ने बताया कि इस वर्ष देश में 11.29 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है। गेहूं के उत्पादन में यह वृद्धि इस फैसले को लागू करने के लिए उपयुक्त समय साबित हुई है।
यह वृद्धि सरकार को अतिरिक्त गेहूं की आपूर्ति करने में सक्षम बनाएगी, जिससे पीएमजीकेएवाई का लाभ लेने वाले लाभार्थियों को और अधिक गेहूं मिल सकेगा। इससे खाद्यान्न की उपलब्धता में संतुलन बना रहेगा, और बाजार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आएगी। इसके अलावा, यह निर्णय आर्थिक विकास और खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूत करेगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और स्थिति में सुधार होगा।
मोदी सरकार की सामाजिक योजनाएं
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत सरकार द्वारा किए गए ये कदम गरीबों को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि समाज में विभिन्न वर्गों के बीच समानता और समृद्धि की ओर भी बढ़ावा मिलेगा। मोदी सरकार की यह पहल यह दर्शाती है कि जब सरकार किसी वर्ग की भलाई के लिए कदम उठाती है, तो उसका असर पूरे समाज पर पड़ता है और समाज के हर हिस्से को समान रूप से लाभ मिलता है।
यह योजना न केवल खाद्य सुरक्षा की स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान करती है। सरकार के इन फैसलों से गरीबों को मिलने वाला मुफ्त अनाज अब पहले से ज्यादा उपलब्ध होगा, और लोगों को उचित मूल्य पर राशन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।