मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले अयोग्य लाभुकों पर सख्ती की तैयारी शुरू हो गई है। रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इस संबंध में एक अहम निर्देश जारी किया है। उन्होंने जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों (BDO), अंचल अधिकारियों (CO), और कंप्रिहेन्सिव रिसोर्स पर्सन (CRP) को आदेश दिया है कि वे मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत चयनित लाभुकों का भौतिक सत्यापन करें और 28 दिसंबर तक इसकी रिपोर्ट सौंपें। यह कदम सामाजिक सुरक्षा विभाग के आदेश के तहत उठाया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ केवल योग्य लाभार्थियों को ही मिले।
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी लाभार्थी को अयोग्य पाया जाता है, तो उसका नाम सूची से हटा दिया जाए। इसके साथ ही, ऐसे लाभार्थियों से पहले की गई सम्मान राशि की वसूली भी की जाएगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के सही क्रियान्वयन के लिए लिया गया है। शहरी क्षेत्रों में शहरी स्थानीय निकाय (ULLM) के CRP के माध्यम से वार्डवार लाभुकों का सत्यापन किया जाएगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) इसके लिए जिम्मेदार होंगे।
उपायुक्त ने यह भी कहा कि किसी भी हालत में योजना का लाभ अयोग्य लाभुकों को नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए भौतिक सत्यापन के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी लाभुकों की वास्तविक स्थिति का सही आंकलन किया गया हो।
दिसंबर से मंईयां योजना में मिलेगा 2500 रुपये का भुगतान
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत दिसंबर से महिला लाभार्थियों को अब 2500 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी। पहले यह राशि 1000 रुपये थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने एक अहम घोषणा की थी कि इस योजना के तहत महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग को 6,390.55 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट प्रदान किया जाएगा, जिसे विधानसभा ने मंजूरी भी दे दी है। इससे यह साफ है कि इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार अपनी पूरी ताकत झोंक रही है।
योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए सख्त निर्देश
रांची के उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाएं और किसी भी अयोग्य लाभुक को योजना का लाभ प्राप्त न होने पाए। बीडीओ और सीओ की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लाभार्थियों की सूची का सत्यापन करें और कोई भी गड़बड़ी पाए जाने पर उचित कार्रवाई करें। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में वार्डवार सत्यापन किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की धांधली से बचा जा सके।
भौतिक सत्यापन प्रक्रिया का महत्व
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे योजना के लाभार्थियों की वास्तविक स्थिति का सही-सही पता चल सकेगा। इस सत्यापन के बाद अगर किसी लाभार्थी को अयोग्य पाया गया, तो उसे योजना से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही, यदि वह पहले से योजना का लाभ प्राप्त कर चुका है, तो उससे प्राप्त राशि की वसूली भी की जाएगी।
योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य राज्य की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, योग्य महिलाओं को एक निश्चित राशि दी जाती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके। सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सामाजिक सुरक्षा की मुख्यधारा में लाना है।