सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख जीवन बीमा कंपनी, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) ने लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी 2 प्रतिशत घटा दी है। इसके बाद, अब एलआईसी की एनएमडीसी में हिस्सेदारी 7.6 प्रतिशत से घटकर 5.6 प्रतिशत रह गई है। यह निर्णय एलआईसी द्वारा हाल ही में एक नियामक फाइलिंग के जरिए शेयर बाजार को सूचित किया गया।
LIC ने बेची 5.91 करोड़ से अधिक एनएमडीसी के शेयर
कंपनी ने सितंबर 2023 से दिसंबर 2024 तक की अवधि में, एनएमडीसी में अपनी 2 प्रतिशत हिस्सेदारी बाजार में बेची है। इस हिस्सेदारी बिक्री के तहत एलआईसी ने 5.91 करोड़ से अधिक शेयर बेचे हैं। एलआईसी के द्वारा बेचे गए इन शेयरों की संख्या कुल वोटिंग पूंजी का 2 प्रतिशत थी, जो अब 22,31,79,025 शेयरों से घटकर 16,40,59,791 शेयर रह गई है। इससे कंपनी के वोटिंग अधिकार वाले इक्विटी शेयरों में हिस्सेदारी 7.6 प्रतिशत से घटकर 5.6 प्रतिशत हो गई है।
टाटा पावर में भी हिस्सेदारी बेची थी
एलआईसी ने एनएमडीसी में हिस्सेदारी बेचने से पहले, टाटा पावर में भी अपनी हिस्सेदारी घटाई थी। एलआईसी ने टाटा पावर में 2.02 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी बेची थी, जिसे करीब 2,888 करोड़ रुपये में बेचा गया। इस बिक्री के बाद, एलआईसी की टाटा पावर में हिस्सेदारी घटकर 3.88 प्रतिशत रह गई है। इस बिक्री का निर्णय भी एलआईसी ने शेयर बाजार को एक नियामक फाइलिंग के जरिए सूचित किया था।
एलआईसी का शुद्ध लाभ में गिरावट
इस बीच, एलआईसी का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.8 प्रतिशत गिरकर 7,621 करोड़ रुपये रह गया है। पिछली तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 7,925 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी की शुद्ध प्रीमियम आय में वृद्धि हुई है। सितंबर तिमाही में यह आय 1,19,901 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 1,07,397 करोड़ रुपये थी।
अलबत्ता, कंपनी की अन्य आय में भारी गिरावट आई है। आलोच्य तिमाही में एलआईसी की अन्य आय 145 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 248 करोड़ रुपये थी। यह गिरावट कंपनी के समग्र वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है।
एलआईसी का समग्र वित्तीय दृष्टिकोण
एलआईसी के एनएमडीसी और टाटा पावर में अपनी हिस्सेदारी घटाने का कदम इस बात को रेखांकित करता है कि बीमा कंपनी अपने निवेश पोर्टफोलियो में पुनर्गठन कर रही है। हालांकि, कंपनी के शुद्ध लाभ में गिरावट और अन्य आय में कमी से यह संकेत मिलता है कि एलआईसी को अपनी निवेश रणनीतियों में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वह अपने वित्तीय प्रदर्शन को मजबूत कर सके।
भविष्य में हो सकते हैं और बदलाव
एलआईसी की निवेश रणनीतियों में यह बदलाव संभवतः रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) जैसे नए क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हो सकता है, जो आने वाले वर्षों में उच्च विकास की संभावना पेश करते हैं। इसके अलावा, बीमा क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बाजार की अस्थिरता के कारण एलआईसी को अपने निवेश निर्णयों में सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।