Good News: किसानों की भलाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नई योजनाएं और पहल कर रही हैं। इनका मुख्य उद्देश्य छोटे और मझोले किसानों को सशक्त बनाना है। इसी क्रम में, राजस्थान सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी योजना की घोषणा की है। इसके तहत पूरी तरह जैविक खेती करने वाले किसानों को 1 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य न केवल किसानों को प्रोत्साहित करना है बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देना है। आइए, जानते हैं कि इस योजना के तहत किसानों को कैसे लाभ मिलेगा और इसके लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है।
किसानों के खाते में आएंगे 1 लाख रुपये
राजस्थान सरकार ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का अनूठा तरीका अपनाया है। यह योजना एक प्रतियोगिता के रूप में तैयार की गई है, जिसमें चयनित किसानों को 1 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
सरकार का मानना है कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करके और जैविक तरीकों को अपनाकर पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है। जैविक खेती को बढ़ावा देने से किसानों को लंबे समय में न केवल लाभ होगा बल्कि उनकी उपज भी अधिक गुणवत्ता वाली होगी।
किन किसानों को मिलेगा पुरस्कार?
योजना के तहत 1 लाख रुपये का पुरस्कार केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जो पूरी तरह जैविक खेती कर रहे हों। इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 तय की गई है।
चयनित किसानों के लिए कुछ प्रमुख शर्तें हैं:
- जैविक विधियों का पूर्ण उपयोग करना।
- वर्मी कंपोस्ट, जैविक बीज और जैव उर्वरकों का इस्तेमाल करना।
- कीटनाशी और रोग प्रबंधन के लिए जैविक तरीकों का पालन करना।
सरकार का मानना है कि इन उपायों से किसानों को आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण को भी संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
योजना के तहत किसानों के लिए आवेदन प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया गया है। किसान ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए मुख्य बातें:
- किसान को यह प्रमाणित करना होगा कि वह पूरी तरह जैविक खेती कर रहा है।
- आवेदन पत्र संबंधित कृषि कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
- आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रक्रिया इतनी आसान हो कि कोई भी जैविक खेती करने वाला किसान इसका लाभ ले सके।
कैसे होगा चयन?
योजना के तहत सरकार की ओर से तीन किसानों का चयन किया जाएगा। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति किसानों की खेती के तरीके का हर स्तर पर मूल्यांकन करेगी और सबसे योग्य तीन किसानों का चयन करेगी।
चयनित किसानों को उनके खातों में 1-1 लाख रुपये की राशि सीधे जमा की जाएगी।
20 बिंदुओं पर होगी खेती की परख
चयन प्रक्रिया के तहत किसानों की खेती का मूल्यांकन 20 बिंदुओं पर किया जाएगा। इनमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
- वर्मी कंपोस्ट का उपयोग।
- जैविक बीज और जैव उर्वरकों का प्रयोग।
- जैविक विधियों से कीटनाशक और रोग प्रबंधन।
- खेती में पर्यावरणीय स्थिरता और नवाचार।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वे किसान पुरस्कार के लिए चुने जाएं जो पूरी तरह जैविक खेती के मानकों का पालन कर रहे हों।
किसानों और पर्यावरण के लिए फायदेमंद
राजस्थान सरकार का यह कदम जैविक खेती को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। इससे किसानों को न केवल वित्तीय लाभ मिलेगा, बल्कि उन्हें स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता वाली फसल उत्पादन का अनुभव भी होगा। इसके अलावा, यह पहल रासायनिक उर्वरकों के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को कम करने में भी मददगार साबित होगी।
सरकार की यह योजना देश के अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकती है और जैविक खेती के महत्व को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला सकती है।