प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को खेती की बेहतर तकनीकों को अपनाने के लिए कृषि यंत्रों की खरीद पर भारी छूट दी जा रही है। कृषि यंत्रों पर मिलने वाले इस अनुदान के तहत किसानों को 60 से 80 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम होगा और वे बेहतर यांत्रिक सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह योजना किसानों को उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे उनकी खेती की उत्पादकता बढ़ेगी। किसानों को 20 दिसंबर तक आवेदन करने का समय दिया गया है, जिसके बाद पोर्टल बंद हो जाएगा।
क्या है योजना का उद्देश्य?
प्रदेश सरकार की यह योजना “सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन फॉर इन सीट्स मैनेजमेंट” (Sub Mission on Agricultural Mechanization for In-Situ Management) के तहत लागू की जा रही है। इसके माध्यम से किसानों को विभिन्न कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा, जिससे वे उन्नत तकनीकों को अपनाकर अपनी खेती को और अधिक लाभकारी बना सकें। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि यंत्रों की खरीद को प्रोत्साहित करना है, जिससे किसानों के श्रम की बचत हो और उत्पादन में वृद्धि हो।
अनुदान की राशि और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत कृषि यंत्रों पर किसानों को 40 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा। खासकर, जिन यंत्रों की कीमत 10 हजार से एक लाख रुपये तक है, उन पर 25 सौ रुपये की जमानत राशि और एक लाख रुपये से अधिक कीमत वाले यंत्रों पर पांच हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी।
किसान इस योजना के तहत 20 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के बाद, किसानों को टोकन जारी किया जाएगा, जिससे उन्हें आगे की प्रक्रिया में मदद मिलेगी। केवल वे किसान, जो टोकन राशि जमा करेंगे, वही इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।
कौन से कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान?
कृषि विभाग के उप निदेशक विकेश पटेल के अनुसार, इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा। इसमें फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत का अनुदान और कस्टम हायरिंग सेंटर पर 80 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा। इसके अलावा, सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर पर 60 से 40 प्रतिशत तक का अनुदान किसानों को मिलेगा।
इन अनुदान योजनाओं से किसानों को खेती में उपयोग होने वाली अत्याधुनिक यांत्रिक सुविधाओं को अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी खेती की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। खासकर, फसल अवशेष प्रबंधन और कस्टम हायरिंग सेंटर से जुड़ी योजनाओं में उच्च अनुदान राशि किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
ऑनलाइन आवेदन और प्रक्रिया
कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे किसानों को अपने घर बैठे आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। 20 दिसंबर तक किसान अपनी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। आवेदन के बाद, किसानों को एक टोकन जारी किया जाएगा। इस टोकन के माध्यम से वे आगे की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
टोकन प्राप्त करने के बाद, किसानों को अपनी जमानत राशि जमा करनी होगी, जिसके बाद वे इस योजना का लाभ उठाने के योग्य होंगे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान का भुगतान किया जाएगा।
कब तक करना होगा आवेदन?
किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो 20 दिसंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी करेंगे। इसके बाद पोर्टल बंद हो जाएगा और किसान आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसलिए, किसानों को जल्द से जल्द अपनी आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ और जमानत राशि समय पर जमा करना अनिवार्य होगा।
योजना के फायदे
इस योजना के तहत किसानों को मिलने वाला अनुदान उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के साथ-साथ उनके कृषि कार्यों में भी सुधार करेगा। कृषि यंत्रों की खरीद में सहायता मिलने से किसान आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर पाएंगे, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा, फसल अवशेष प्रबंधन और अन्य कृषि कार्यों में दक्षता बढ़ेगी, जो अंततः किसानों की आय में वृद्धि करेगा।
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए इस प्रकार की योजनाएं कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं। किसानों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपनी खेती को और अधिक लाभकारी बना सकते हैं।