कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 के तहत EPF पेंशन को लेकर लंबे समय से कर्मचारी संघ और पेंशनर्स द्वारा पेंशन राशि बढ़ाने की मांग की जा रही है। संसद में इस मुद्दे को लेकर सवाल पूछा गया, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से जानकारी मांगी कि क्या EPS-95 के तहत न्यूनतम पेंशन में इजाफे के लिए कोई आवेदन प्राप्त हुआ है और इस संबंध में क्या सरकार के पास कोई प्रस्ताव है।
EPF पेंशन पर बयान
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस पर जवाब देते हुए बताया कि सरकार को इस संबंध में कई अनुरोध मिले हैं, जिनमें ट्रेड यूनियन भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2014 में पहली बार EPS-95 के तहत पेंशनर्स के लिए 1000 रुपये महीना न्यूनतम पेंशन की घोषणा की गई थी, लेकिन लेबर मंत्रालय ने EPS-95 के तहत पेंशन को बढ़ाकर 2,000 रुपये महीना करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी।
EPS-95 के तहत पेंशन की स्थिति
EPS, 1995 एक “परिभाषित योगदान-परिभाषित लाभ” योजना है, जिसमें EPF पेंशन फंड का निर्माण नियोक्ता की तरफ से सैलरी के 8.33 प्रतिशत योगदान से होता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार भी 15,000 रुपये महीने तक की सैलरी पर 1.16 प्रतिशत का बजटीय योगदान करती है। योजना के तहत सभी पेंशन भुगतान इस फंड से किया जाता है।
हर साल फंड का मूल्यांकन किया जाता है, और 31 मार्च 2019 को किए गए मूल्यांकन में एक बीमांकिक घाटा देखा गया। लेबर मंत्रालय द्वारा पेंशन को दोगुना करने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिल पाई। पंकज चौधरी ने यह भी बताया कि EPS, 1995 के तहत पेंशन बढ़ाने की कोई विशेष योजना या धन आवंटन अभी तक नहीं किया गया है।
EPF पेंशन बढ़ाने का मामला और ट्रेड यूनियनों की मांग
पेंशन वृद्धि के मामले में प्रमुख ट्रेड यूनियन लंबे समय से EPS के तहत न्यूनतम पेंशन में इजाफे की मांग कर रहे हैं। पेंशनर्स के पक्ष में ट्रेड यूनियन और कर्मचारियों ने सरकार से यह अनुरोध किया है कि उन्हें उनकी मेहनत का उचित लाभ मिले और न्यूनतम पेंशन राशि में बढ़ोतरी की जाए। हालांकि, सरकार के पास इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं आया है और EPF पेंशन वृद्धि के लिए धन आवंटन की स्थिति अभी अस्पष्ट है।
सरकार का निर्णय और पेंशन फंड की स्थिति
हालांकि, सरकार ने पहले EPS, 1995 के तहत पेंशन को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन फंड की स्थिति और उसके बीमांकिक घाटे के कारण इसे मंजूरी नहीं मिली। इसके बावजूद, सरकार ने 2014 में पेंशनर्स के लिए 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन का ऐलान किया था, जिसे बाद में कोई बढ़ोतरी नहीं मिल सकी।
FAQs
1. क्या सरकार EPS-95 के तहत पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव ला सकती है?
हालांकि सरकार ने पहले भी पेंशन को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वर्तमान में इसे मंजूरी नहीं मिली है। पेंशन फंड की स्थिति और बीमांकिक घाटे के कारण पेंशन वृद्धि पर निर्णय में देरी हो रही है।
2. क्या EPS-95 के तहत पेंशन बढ़ाने के लिए ट्रेड यूनियनों ने सरकार से कोई आवेदन किया है?
जी हां, ट्रेड यूनियनों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से कई बार अनुरोध किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
3. EPS-95 के पेंशन फंड का मूल्यांकन कब किया जाता है?
EPS-95 के पेंशन फंड का मूल्यांकन हर साल किया जाता है, और 31 मार्च 2019 को किए गए मूल्यांकन में बीमांकिक घाटा पाया गया था।
4. क्या पेंशन बढ़ाने के लिए सरकार ने कोई वित्तीय योजना बनाई है?
हालांकि सरकार ने पेंशन को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया था, लेकिन उसे स्वीकृति नहीं मिल सकी। वर्तमान में इस मुद्दे पर कोई नया वित्तीय निर्णय नहीं लिया गया है।
सरकार के द्वारा पेंशन में वृद्धि की कोशिशें होती रही हैं, लेकिन पेंशन फंड के घाटे और अन्य कारणों से यह वृद्धि अब तक लागू नहीं हो पाई है। कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए यह एक महत्वपूर्ण मामला है, और अब देखना यह है कि भविष्य में इस पर क्या निर्णय लिया जाता है।