बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव 24 सितंबर 2024 से लागू होने जा रहे हैं। इस बदलाव के तहत बिहार सरकार ने पुराने रजिस्ट्री नियमों को समाप्त कर नया भूमि पंजीकरण विधि लागू करने की योजना बनाई है। हालांकि, इस फैसले को लागू करने से पहले एक बड़ा मोड़ आया था, जब कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। फरवरी 2024 में इन नियमों को लागू किया गया था, लेकिन कोर्ट के आदेश पर इसे छह महीने के लिए टाल दिया गया था। अब 24 सितंबर के बाद भूमि रजिस्ट्री के नए नियमों के अनुसार कार्यवाही शुरू होगी।
नया नियम क्यों लाया गया?
बिहार में भूमि विवादों के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही थी, जिसके कारण राज्य सरकार ने भूमि रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव करने का निर्णय लिया था। पुराने नियमों में कुछ खामियां थीं, जिनका फायदा लोग भूमि विवादों के समाधान में उठा रहे थे। इसके अलावा, राज्य में जमीन से संबंधित धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ गई थीं, जिन पर अंकुश लगाने के लिए नए नियमों का मसौदा तैयार किया गया था। फरवरी में लागू किए गए इन नए नियमों के तहत कई प्रक्रिया परिवर्तन प्रस्तावित किए गए थे।
कोर्ट की रोक और भविष्य के बदलाव
हालांकि, फरवरी में लागू किए गए नए नियमों को राज्य के लोग सही नहीं मान पाए थे, और इस पर विवाद शुरू हो गया था। इसके बाद, उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगाते हुए छह महीने के लिए पुराने नियमों के तहत ही रजिस्ट्री प्रक्रिया को जारी रखने का आदेश दिया। यह छह महीने 24 सितंबर 2024 को समाप्त हो जाएंगे। ऐसे में, बिहार में 24 सितंबर के बाद भूमि रजिस्ट्री के लिए नए नियम लागू होंगे। हालांकि, इस तारीख को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और कोर्ट इसे आगे बढ़ा भी सकता है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री और नए उपाय
बिहार सरकार ने भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। अब भूमि रजिस्ट्री के दौरान आधार कार्ड और भूमि स्वामित्व के ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया भी अनिवार्य होगी। इससे नकली दस्तावेजों के उपयोग को रोका जा सकेगा और भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित होगी।
इसके अलावा, स्टांप पेपर के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग भी अनिवार्य कर दी जाएगी। भूमि पंजीकरण के समय अभिषेक प्रमाण पत्र, नक्शा, संपत्ति का रसीद आदि अपलोड करने का विकल्प होगा। इस बदलाव से लोग ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से अपनी भूमि की रजिस्ट्री कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया अधिक सरल और तेजी से पूरी हो सकेगी।
भूमि संरक्षण और विवादों को समाप्त करना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार का यह उद्देश्य है कि राज्य में भूमि से संबंधित सभी विवादों का समाधान किया जाए और भूमि संरक्षण की प्रक्रिया को सशक्त किया जाए। फरवरी में लाए गए नए नियमों के तहत, जमीन के स्वामित्व को स्पष्ट रूप से दस्तावेजों में दर्ज किया जाएगा, जिससे भूमि विवादों का समाधान हो सकेगा।
यह कदम न केवल भूमि के रजिस्ट्रीकरण को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि इससे भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी। राज्य सरकार का मानना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्री और नए नियमों से भूमि विवादों में काफी कमी आएगी और यह प्रदेश की जमीन से जुड़ी कानूनी प्रक्रिया को सही दिशा में ले जाएगा।
क्या बदलाव हो सकते हैं?
24 सितंबर 2024 के बाद बिहार में भूमि रजिस्ट्री के नए नियमों के तहत कुछ अहम बदलाव देखे जा सकते हैं। सबसे बड़ा बदलाव भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया में आएगा, जिसमें ऑनलाइन सत्यापन और इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग जैसी नई सुविधाओं का समावेश किया जाएगा। इसके अलावा, पुरानी नियमों के तहत चल रही रजिस्ट्री की प्रक्रिया को भी समाप्त किया जाएगा।
हालांकि, कोर्ट इस तारीख को बढ़ा भी सकता है, लेकिन फिलहाल बिहार सरकार ने 24 सितंबर से नए नियम लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से राज्य में भूमि विवादों के समाधान में मदद मिलेगी और लोगों को भूमि रजिस्ट्री के लिए अधिक पारदर्शी और सुरक्षित प्रक्रिया मिलेगी।
ऑनलाइन भूमि रजिस्ट्री की बढ़ती आवश्यकता
बिहार सरकार के द्वारा लाए गए नए भूमि पंजीकरण नियम ऑनलाइन रजिस्ट्री के महत्व को भी दर्शाते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण से न केवल प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और गलत दस्तावेजों के उपयोग पर भी रोक लगेगी। इसके साथ ही, भूमि मालिकों के लिए अपनी संपत्ति का पंजीकरण करवाना भी आसान हो जाएगा। ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते लोग घर बैठे ही अपने भूमि रजिस्ट्री के काम को पूरा कर सकेंगे।