हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें

News

ये है संपत्ति का बंटवारा कराने का आसान तरीका, बिना लड़ाई-झगड़े के जमीन में मिलेगा पूरा हक

भारत में संपत्ति के बंटवारे से जुड़े विवादों को सुलझाने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा सरल हो गई है। एसडीएम कोर्ट में आवेदन करने से लेकर नए सिस्टम की मदद से अब आप आसानी से बंटवारा करवा सकते हैं। जानें कैसे।

By Pankaj Yadav
Published on
ये है संपत्ति का बंटवारा कराने का आसान तरीका, बिना लड़ाई-झगड़े के जमीन में मिलेगा पूरा हक

भारत में संपत्ति के विवाद एक आम समस्या बन चुकी है। हर साल हजारों मामले संपत्ति के बंटवारे को लेकर अदालतों में पहुंचते हैं। जब संपत्ति का बंटवारा सही तरीके से नहीं हो पाता, तो यह कानूनी प्रक्रियाओं के द्वारा सुलझाने की आवश्यकता होती है। ऐसे मामलों में सबसे बड़ी समस्या तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति की वसीयत नहीं होती। इस स्थिति में संपत्ति का बंटवारा और भी पेचीदा हो जाता है। लेकिन, अब बंटवारे की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सरल और सुव्यवस्थित हो गई है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि संपत्ति के बंटवारे के लिए आपको कौन-कौन से कदम उठाने होंगे और कैसे आप इसे आसानी से करवा सकते हैं।

एसडीएम कोर्ट में करें आवेदन

संपत्ति के बंटवारे के लिए आवेदन करने का सबसे सरल तरीका उपजिलाधिकारी (एसडीएम) कोर्ट का है। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के ओएसडी डॉ. लालकृष्ण के अनुसार, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 116 के तहत एसडीएम कोर्ट में बंटवारे के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के तहत, यदि किसी व्यक्ति को भूमि या संपत्ति का बंटवारा कराना हो, तो वह सीधे एसडीएम कोर्ट में आवेदन कर सकता है। कोर्ट उस स्थान पर जाकर भूमि का निरीक्षण करती है और सभी पक्षों की सहमति से एक बंटवारा तैयार किया जाता है।

अगर सभी पक्ष सहमत होते हैं तो बंटवारा पूरा कर दिया जाता है। इसके बाद, जमीन पर मेड़बंदी भी की जा सकती है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस हिस्से में कौन सा पक्ष का अधिकार है। इस प्रक्रिया से संपत्ति के बंटवारे में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित होता है।

बंटवारे की प्रक्रिया अब और आसान

पूर्व में संपत्ति के बंटवारे में कई जटिलताएं थीं, जिसमें विवाद और अनावश्यक कानूनी दवाब शामिल थे। लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने बंटवारे की प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बना दिया है। डॉ. लालकृष्ण के अनुसार, अब तहसील में उपलब्ध रियल टाइम खतौनी (पट्टा) में पहले से सभी हिस्सेदारों के नाम दर्ज होते हैं। इससे बंटवारे की प्रक्रिया बहुत तेज़ और पारदर्शी हो गई है।

इस नए सिस्टम के तहत, बंटवारे के लिए कोर्ट में कोई भी विवाद उत्पन्न नहीं होता क्योंकि सभी संबंधित पक्षों के नाम और संपत्ति की स्थिति पहले से ही स्पष्ट होती है। यह व्यवस्था उन परिवारों के लिए खासतौर पर लाभकारी है, जिनमें संपत्ति के बंटवारे को लेकर मतभेद होते हैं।

एसडीएम कोर्ट के अलावा अन्य विकल्प

हालांकि एसडीएम कोर्ट बंटवारे की प्रक्रिया को सरल बनाने का एक प्रमुख रास्ता है, लेकिन इसके अलावा भी कुछ और विकल्प उपलब्ध हैं। यदि संपत्ति का बंटवारा आपसी सहमति से नहीं हो पा रहा है, तो यह मामला जिला न्यायालय में भी दाखिल किया जा सकता है। जिला न्यायालय में संपत्ति के बंटवारे के लिए मुकदमा दायर किया जा सकता है, जहां पर न्यायधीश द्वारा मामले की सुनवाई की जाती है।

नया स्मार्टफोन PM Vidya Lakshmi Yojana: सरकार इन छात्रों को देगी 6.5 लाख का लोन, तुरंत करें आवेदन

PM Vidya Lakshmi Yojana: सरकार इन छात्रों को देगी 6.5 लाख का लोन, तुरंत करें आवेदन

इसके अलावा, यदि संपत्ति से संबंधित कोई विवाद जटिल है और उसका समाधान अदालत के माध्यम से नहीं हो पा रहा है, तो उसे किसी सक्षम मध्यस्थ से भी सुलझाया जा सकता है। इस प्रक्रिया को “मध्यस्थता” (Mediation) कहा जाता है, जिसमें दोनों पक्षों के मध्य किसी निष्पक्ष व्यक्ति के माध्यम से विवाद का समाधान किया जाता है।

कोर्ट में विवाद से बचने के उपाय

संपत्ति के बंटवारे से संबंधित विवादों को कोर्ट तक पहुँचने से पहले ही सुलझाने के लिए कुछ प्रमुख उपाय हैं। सबसे पहला कदम यह है कि परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर आपसी सहमति से बंटवारे की प्रक्रिया तय करें। यदि सब पक्ष सहमत हैं, तो एसडीएम कोर्ट में आवेदन करना सबसे आसान और तेज़ तरीका होगा।

दूसरा, यदि वसीयत (Will) बनाई जाती है तो संपत्ति के बंटवारे में कोई भी विवाद नहीं होता। वसीयत में संपत्ति का वितरण स्पष्ट रूप से लिखा जाता है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होता। यदि किसी कारणवश वसीयत नहीं बन पाई हो, तो भी आपसी समझौते के माध्यम से बंटवारा किया जा सकता है।

भविष्य में बंटवारे की प्रक्रिया और आसान

भारत सरकार और राज्य सरकारों ने संपत्ति के बंटवारे को लेकर कई सुधार किए हैं, जिससे यह प्रक्रिया और भी तेज़ और सरल होती जा रही है। नई तकनीकी प्रणालियों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से लोग अब अपने बंटवारे के मामलों को बिना किसी भटकाव के हल कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, रियल टाइम खतौनी सिस्टम और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रियाएं बंटवारे की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बना रही हैं।

सम्पत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया में आने वाली जटिलताओं को देखते हुए सरकार की यह पहल एक बहुत ही सकारात्मक कदम साबित हो रही है। इससे न केवल संपत्ति का बंटवारा अधिक सुगम होगा, बल्कि विवादों को सुलझाने के लिए भी कम समय लगेगा।

नया स्मार्टफोन RSMSSB: निकली जेल प्रहरी के 803 पदों पर भर्ती, 24 दिसंबर से करें आवेदन, CET भी जरूरी नहीं

RSMSSB: निकली जेल प्रहरी के 803 पदों पर भर्ती, 24 दिसंबर से करें आवेदन, CET भी जरूरी नहीं

Author
Pankaj Yadav
मैं, एक अनुभवी पत्रकार और लेखक हूं, जो भारतीय राजनीति, समाज और संस्कृति से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरों और मुद्दों पर लिखता हूं। पिछले 6 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहा हूं और वर्तमान में GMSSS20DCHD के लिए स्वतंत्र लेखक के तौर पर योगदान दे रहा हूं। मुझे सटीक तथ्यों और दिलचस्प दृष्टिकोण के साथ समाचार और लेख प्रस्तुत करना पसंद है। मेरा मानना है कि एक पत्रकार का काम केवल खबरें देना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक और संवेदनशील बनाना भी है।

Leave a Comment