अगर आप केंद्रीय कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के अंतर्गत कुछ नए नियमों को संशोधित किया है। इन नियमों के तहत कार्डधारकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव सीजीएचएस कार्डधारकों को बेहतर और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
सीजीएचएस के संशोधित नियम क्या हैं?
संशोधित नियमों के अनुसार, सीजीएचएस कार्डधारकों को अब इमरजेंसी (emergency) स्थिति में किसी रेफरल की जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब यह है कि अगर किसी कार्डधारक को अचानक से इलाज की आवश्यकता पड़ती है, तो उन्हें रेफरल की प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे सीधे संबंधित अस्पताल में जा कर कैशलेस इलाज प्राप्त कर सकेंगे। इस बदलाव से अस्पतालों में भर्ती होने से पहले किसी भी प्रकार के पूर्व अनुमोदन (prior approval) की आवश्यकता नहीं होगी।
इन नियमों में यह भी कहा गया है कि कार्डधारक अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और टाटा मेमोरियल जैसे प्रमुख सरकारी अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं। इससे सीजीएचएस कार्डधारकों को देशभर के प्रमुख अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल सकेगी, जो पहले एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा थी।
इसके अलावा, सीजीएचएस वेलनेस सेंटर से एक रेफरल अब तीन महीने तक वैध रहेगा। इस तीन महीने की अवधि के दौरान, लाभार्थियों को तीन अलग-अलग विशेषज्ञों से परामर्श लेने का अवसर मिलेगा। यानी एक ही रेफरल के आधार पर, कार्डधारक विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञों से इलाज करवा सकेंगे। इस अवधि में अधिकतम छह परामर्श की अनुमति होगी, जिससे कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों को अधिक विकल्प मिलेंगे।
कब लगेगी रेफरल की आवश्यकता?
संशोधित नियमों के अनुसार, सीजीएचएस कार्डधारकों को नियमित स्वास्थ्य जांच और छोटी प्रक्रियाओं के लिए अब रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, सामान्य उपचारों के लिए भी अतिरिक्त मंजूरी की जरूरत नहीं होगी, जब तक कि खर्च 3,000 रुपये से अधिक न हो। अगर उपचार की लागत 3,000 रुपये से अधिक है, तो कार्डधारक को एक रेफरल की आवश्यकता होगी। इसी तरह, अस्पताल में भर्ती होने के लिए भी पूर्व मंजूरी आवश्यक होगी, ताकि अस्पताल के खर्चे को कवर किया जा सके।
यह बदलाव उन लाभार्थियों के लिए भी फायदेमंद होगा, जिनको नियमित तौर पर इलाज की जरूरत होती है। इस नए नियम के तहत, यदि किसी को छोटी-मोटी प्रक्रिया या नियमित जांच करवानी है, तो उन्हें समय और प्रक्रियाओं में होने वाली दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आयु सीमा में बदलाव
संशोधित नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह भी किया गया है कि सीजीएचएस के लाभार्थियों के लिए आयु सीमा में संशोधन किया गया है। पहले, इस योजना का लाभ केवल 75 वर्ष तक के लोगों को ही मिलता था, लेकिन अब यह सीमा घटाकर 70 वर्ष कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि 70 वर्ष या उससे कम उम्र के अधिक कर्मचारी और उनके परिवार इस योजना का लाभ ले सकेंगे। यह बदलाव खासकर उन वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा, जो अब तक इस योजना के लाभ से वंचित थे।
क्या है सीजीएचएस?
सीजीएचएस (Central Government Health Scheme) एक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसे केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए शुरू किया है। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य मेडिकल खर्चों का कवरेज प्राप्त कर सकते हैं। सीजीएचएस के तहत कार्डधारक देशभर के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल या डिस्पेंसरी में कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं।
यह योजना कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाई गई है। सीजीएचएस के कार्डधारक सरकारी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में मुफ्त उपचार प्राप्त कर सकते हैं, और इसके अलावा उनके लिए दवाइयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाती है।
इन नियमों के प्रभाव
इन संशोधित नियमों से सीजीएचएस के लाभार्थियों को अपनी चिकित्सा सेवाओं की पहुंच और आसानी दोनों में सुधार देखने को मिलेगा। सरकारी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा, आयु सीमा में बदलाव और रेफरल की प्रक्रिया में लचीलापन, ये सभी कदम सीजीएचएस के लाभार्थियों के लिए सकारात्मक बदलाव साबित होंगे।
सीजीएचएस कार्डधारकों के लिए यह बदलाव एक बड़ा राहत का कारण बनेगा, क्योंकि अब उन्हें चिकित्सा सेवाओं तक पहुंचने के लिए कम समय और प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, आयु सीमा में बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को भी इसका लाभ मिलेगा, जो पहले इससे बाहर थे।