हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें

News

भूल से भी ना लें कैश में इससे ज्यादा रकम, वरना लगेगा 100 फीसदी तक जुर्माना, क्या है ये नियम समझ लो

नकद लेन-देन पर सरकार की सख्ती, 2 लाख से ज्यादा कैश लिया तो भरना होगा जुर्माना। गिफ्ट हो या व्यापार, हर बड़ी रकम के लिए है नया नियम। जानें कैसे बचें जुर्माने से और क्यों बैंकिंग चैनल्स ही हैं सुरक्षित विकल्प।

By Pankaj Yadav
Published on
भूल से भी ना लें कैश में इससे ज्यादा रकम, वरना लगेगा 100 फीसदी तक जुर्माना, क्या है ये नियम समझ लो
भूल से भी ना लें कैश में इससे ज्यादा रकम, वरना लगेगा 100 फीसदी तक जुर्माना, क्या है ये नियम समझ लो

अगर आप बड़े कैश लेन-देन करने की योजना बना रहे हैं, तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 269ST के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। इस प्रावधान के तहत, अगर आप किसी व्यक्ति से एक दिन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक नकद में लेते हैं, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह नियम 2017 में लागू किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य देश में टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाना है।

क्या है सेक्शन 269ST?

सेक्शन 269ST, इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत एक ऐसा प्रावधान है, जो किसी भी व्यक्ति को एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि लेने से रोकता है। टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह नियम गिफ्ट में मिली नकद रकम पर भी लागू होता है। यानी, शादी, बर्थडे या अन्य खास मौकों पर अगर आपको 2 लाख रुपये से ज्यादा का कैश गिफ्ट मिलता है, तो यह भी कानून के दायरे में आएगा।

क्यों लागू हुआ यह नियम?

यह प्रावधान 2017 में नोटबंदी के बाद लागू किया गया था, जब सरकार ने कालाधन और नकदी आधारित अर्थव्यवस्था पर नकेल कसने की जरूरत महसूस की। सेक्शन 269ST का उद्देश्य है कैश लेन-देन को हतोत्साहित करना और डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देना।

ज्यादा अमाउंट में कैश का लेन-देन

अगर आपको 2 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम प्राप्त करनी है, तो इसे बैंकिंग चैनल्स के जरिए करें। जैसे:

  • अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheque)
  • बैंक ड्राफ्ट (Bank Draft)
  • इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking)

याद रखें, अगर आपने सेल्फ चेक के जरिए रकम प्राप्त की, और वह 2 लाख रुपये से अधिक है, तो इसे भी नकद लेन-देन माना जाएगा।

किन पर लागू नहीं होता यह नियम?

आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत यह प्रावधान सरकार, बैंकिंग संस्थानों, डाकघर बचत बैंक और सहकारी बैंकों के लेन-देन पर लागू नहीं होता।

कितना है जुर्माना?

अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे लेन-देन की पूरी राशि के बराबर जुर्माना भरना होगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने 2,10,000 रुपये नकद में लिया है, तो आपको ₹2,10,000 का जुर्माना देना होगा।

नया स्मार्टफोन Home Loan की EMI पर जल्द मिलेगी राहत, RBI का बना रहा प्लान

Home Loan की EMI पर जल्द मिलेगी राहत, RBI का बना रहा प्लान

1. क्या यह नियम रिश्तेदारों से मिलने वाली रकम पर भी लागू होता है?
जी हां, यह नियम किसी भी व्यक्ति, चाहे वह आपका रिश्तेदार ही क्यों न हो, से 2 लाख रुपये से अधिक की नकद राशि लेने पर लागू होता है।

2. क्या 2 लाख रुपये से कम रकम लेने पर भी पेनल्टी लगती है?
नहीं, यह नियम केवल 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि के लेन-देन पर लागू होता है।

3. क्या बैंकिंग चैनल्स के जरिए लेन-देन पर भी कोई पाबंदी है?
नहीं, आप बैंकिंग चैनल्स के जरिए किसी भी रकम का लेन-देन कर सकते हैं।

4. क्या गिफ्ट के रूप में मिली नकदी पर यह नियम लागू होता है?
हां, यह नियम गिफ्ट में मिली नकदी पर भी लागू होता है, चाहे वह किसी भी अवसर पर हो।

5. क्या यह नियम व्यापारिक लेन-देन पर भी लागू होता है?
हां, यह नियम व्यक्तिगत और व्यापारिक दोनों प्रकार के लेन-देन पर लागू होता है।

धारा 269ST का उद्देश्य देश में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करना है। अगर आप 2 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम नकद में लेने की सोच रहे हैं, तो इसे तुरंत रोक दें और बैंकिंग माध्यमों का उपयोग करें। याद रखें, इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

नया स्मार्टफोन शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन को पीछे छोड़ MS Dhoni बने सबसे अमीर, इतने करोड़ है कुल संपत्ति

शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन को पीछे छोड़ MS Dhoni बने सबसे अमीर, इतने करोड़ है कुल संपत्ति

Author
Pankaj Yadav
मैं, एक अनुभवी पत्रकार और लेखक हूं, जो भारतीय राजनीति, समाज और संस्कृति से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरों और मुद्दों पर लिखता हूं। पिछले 6 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहा हूं और वर्तमान में GMSSS20DCHD के लिए स्वतंत्र लेखक के तौर पर योगदान दे रहा हूं। मुझे सटीक तथ्यों और दिलचस्प दृष्टिकोण के साथ समाचार और लेख प्रस्तुत करना पसंद है। मेरा मानना है कि एक पत्रकार का काम केवल खबरें देना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक और संवेदनशील बनाना भी है।

Leave a Comment